महिला शिक्षा ग्रामीण विद्यापीठ मैनपुरा सवाई माधोपुर सामाजिक दृष्टि से देखा जाय तो एक पुरुष की शिक्षा से उसका स्वयं का केवल एक परिवार लाभान्वित होता है। जबकि यदि एक महिला सुशिक्षित होती है तो उसका लाभ दो परिवारों को प्राप्त होता है। परिणामतः स्त्री शिक्षा समाज के लिए द्विगुणित फलदायी होती है। लेकिन हमारा दुर्भाग्य रहा है कि मध्यकालीन स्वार्थपूर्ण सोच एवं कुनीतियों के कारण भारतवर्ष में नारी को लम्बे समय तक शिक्षा से वंचित रखा गया जिसका प्रभाव आज भी ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं में स्पष्ट दिखाई देता है। किन्तु भारतीय समाज पुनः जागृत हो रहा है और बालिकाओं को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराते हुए उन्हें उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए पूर्णतः कटिबद्ध है। इसी सोच को आत्मसात करते हुए उसे साकार रूप देने हेतु राजस्थान राज्य के पूर्वी भाग में सवाई माधोपुर जिले के अन्तर्गत जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर दौसा सड़क मार्ग पर मैनपुरा गांव में महिला शिक्षा ग्रामीण महिला विद्यापीठ की स्थापना की गई। पहाड़ी की तलहटी में स्थित यह प्रांगण प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। पर्यावरण की दृष्टि से यहाँ का नैसर्गिक वातावरण स्वास्थ्य वर्धक है, जो बालिकाओं के सर्वांगीण विकास की पहली सीढ़ी है। "तमसो माँ ज्योतिर्गमय" इस मूल मंत्र से अनुप्राणित एवं "विद्या धर्मेण शोभते" के संकल्प से संकल्पित शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में अग्रणी महिला शिक्षा ग्रामीण महिला विद्यापीठ, मैनपुरा सवाई माधोपुर में प्रवेश करने पर आपका हार्दिक स्वागत है। आपके इस वर्ष आगमन तक यह विद्यापीठ अपनी स्थापना के पच्चीस वर्ष पूर्ण कर शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। महाविद्यालय में आपने भले ही एक व्यक्ति के रूप में प्रवेश लिया है, परन्तु प्रवेश लेने के साथ ही आप मात्र एक व्यक्ति न रहकर पूरी संस्था का रूप धारण कर चुके हैं। आपकी प्रत्येक गतिविधि व व्यवहार से ही समाज अब इस संस्था के स्वरूप व कार्यविधियों से परिचित होगा। आपका व्यवहार, आपकी योग्यता व आपकी अन्य रचनात्मक गतिविधियां यद्यपि विराट रूप में आपकी अपनी हैं, लेकिन सूक्ष्म रूप में इसमें महाविद्यालय के गौरव का भी प्रश्न जुड़ा है। विद्याध्ययन की साधना में रत रहने की मनोवृत्ति लेकर आयी साधक बालिका विद्यार्थियों को मेरा यह सुझाव है कि प्रवेश के समय ही आप इस संस्था के गौरव व मान की वृद्धि करने का दृढ संकल्प लें,जो इसमें अध्ययनरत रहने के दिनों मे इस संस्था का आप पर ऋण होगा और उस ऋण से निवृत होना आपका परम् धर्म है। समस्त विद्वान् शिक्षक आपकी समस्त चिन्तन अभीप्सा को सन्तुष्ट करने हेतु कृत संकल्पित हैं, और सक्षम प्रशासन सिमित संशाधनों के मध्य भी सभी आवश्यक सुविधाओं को सुरुचिपूर्ण स्तर तक उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील है। एक ही परिवार का अंग होने के कारण हम विद्यार्थियों के प्रति स्नेह का भरपूर वातावरण बनाये रखने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं, परन्तु विद्यार्थियों द्वारा इस पारिवारिक भाव को समाप्त करने हेतु की जाने वाली अप्रिय व अनुशासनहीनता से परिपूर्ण कार्यवाहियों को हम दण्डित करने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करते। मैं आशा करता हूँ की आप अध्ययन को अपना मूल मंत्र मानकर अपनी उच्च शिक्षा पूर्ण करेंगे और वर्तमान समाज में अपनी सार्थकता सिद्ध करते हुए इस महाविद्यालय के नाम को हमेशा सार्थक सिद्ध करेंगे। आपके सुयशपूर्ण जीवन की कामना करता हुआ ! डॉ. मुकेश चन्द(प्राचार्य) मोबा. 9413481882
Dr. Mukesh Chand Principal
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